मैथिली समाज में संगीत का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। अलबेला रघुवर आयो जी एक प्रसिद्ध मैथिली विवाह गीत है जिसे पारंपरिक अवसरों पर गाया जाता है। यह गीत युगल की आकर्षण का वर्णन करता है और उनके भविष्य को शुभ उपदेश करता है।
- गीत की रचना सुंदर और आकर्षक होता है जो सभी को मोहित कर लेता है।
- पारंपरिक के दौरान अलबेला रघुवर आयो जी का निष्पादन सभा को और भी जीवंत बना देता है।
- मैथिली संस्कृति में यह गीत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और पीढ़ी दर पीढ़ी पारित होता आ रहा है।
मैथिली लोकगीत : अलबेला रघुवर आयो जी
पहाड़ में खूबसूरत बंजरभूमि है। उसमे एक नन्हा गाँव है। उस गाँव में रहता था एक बुजुर्ग व्यक्ति जिसका नाम रामप्रसाद था। उसको बहुत ही प्यार होता था अपनी बेटी से।
एक दिन उसकी बेटी गायब हो गई।
वह बहुत परेशान गया और उसने पूरे गाँव में घूम कर देखा|। लेकिन उसकी बेटी का कोई पता नहीं चला।
उसे बहुत उदास हो गया और उसने अपनी मुलगी को खोजने के लिए प्रार्थना की | कि एक दिन वह वापस लौट आएगी।
विवाह में सुनाया जाने वाला प्रसिद्ध गीत
पारंपरिक भारतीय विवाहों में एक अहम भूमिका निभाता है। यह गीत बल्कि सौंदर्यपूर्ण भी है| जो दुल्हन और दूल्हे के लिए सफलता की कामना करता है। यह गीत शादी समारोह को अधिक जीवंत बनाता है| और उसे यादगार बनाता है।
ऐसे विषय शामिल होते हैं
* बच्चों को शादी के दिनों में मस्ती का अनुभव मिलता है|
* बुजुर्गजन अनुपम आनंद लेते हैं।
यह गीत विवाह रीति-रिवाजों का एक अभिन्न अंग है| जो भारतीय संस्कृति में समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है।
मैथिली विवाह गीत द्वारा गाया गया Jayshree Mishra
Jayshree Mishra द्वारा गाया गया मैथिली विवाह गीत एक आकर्षक प्रस्तुति है यह गीत विवाह के खुशियों को पूरी तरह से ता है. मधुर स्वर और रमणीय संगीत इस गीत को एक अलौकिक अनुभव बनाते हैं. मैथिली भाषा के भावपूर्ण शब्दों ने इस गीत में अनोखा रूप दिया है.
यह गीत सभी को पसंद आता है और लोगों में लोकप्रिय है। more info
अलबेला रघुवर आयो जी: प्यार और उमंग का नृत्य
यह गीत/संगीत/धुन एक खूबसूरत कहानी/वर्णन/विवरण है, जो हमें प्रेम/भक्ति/जीवन के रंग/आनंद/भाव से परिचित कराता है। इसमें लय/राग/सुर का अद्भुत मिश्रण/योग/संयोजन है जो सुनने वालों को शांति/उमंग/खुशी प्रदान करता है। लोकगीत/पौराणिक कथा/कहानी में समाहित अर्थ/संदेश/भाग्य हमें प्रकृति/जीवन/दुनिया के प्रति एक नया दृष्टिकोण/भावना/परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है।
- प्रेम का संदेश
- खुशी की भावना
मैथिली संस्कृति का अनमोल संगीत - अलबेला रघुवर आयो जी
मैथिली संस्कृति, आफ्नो|विशिष्ट| गीतों से भरपूर है। इसमे अलबेला रघुवर आयो जी का संगीत एक अनमोल भाग है। उनकी गाना की सुंदरता और सरलता से हर किसी को मनोरंजन करता है। अलबेला रघुवर आयो जी का संगीत कौशल मैथिली संस्कृति के अवयव हैं और उनकी परंपरा आज भी जीवंत है।
- उनकी| धुनें मैथिली संस्कृति को जीवंतरखती है
- अलबेला रघुवर आयो जी का संगीत आज भी मान्यता प्राप्त है
- उनकी परंपरा युवाओं को| प्रभावित करती है